बिन तेरे मेरा अस्तित्व नहीं,
ठूंठ बन चुका होता कब का ,तुमने मुझे संभाला||
बिन तेरे मेरा अस्तित्व नहीं,
आज इतना विशाल हुँ तो सिर्फ तुमसे|
तेरी नरमी से,पैर मेरे मजबुत हुए,
खड़ा हो सका हुँ तो तेरी मेहरबानी पर||
बगैर मेरे तेरा अस्तित्व तो था ही पर तुमने अपना आहार मुझे है खिलाया||
बेशक आज मैं भी तेरे जीवन में महत्व रखता हुँ क्योंकि अपरदन होने से मैने ही तुम्हें है रोका||
सैंकड़ों राहगिर की पनाह हुँ मैं
सैंकड़ों चिड़िया मु़झ पर घोंसले बनाते पर
इन सभी का बोझ तु खुद ही उठाती||
मेरी डालियों की बोझ इतनी है कि चारों तरफ से मैं तुम्हें बेधुँ फिर भी तु न कराहे,
मुझपर फल लगें तो पशु-पक्छी बरगद खाने आते हैं न कि जमीन नामक कोई फल खाने||
ये सब सुन तुम्हें कितना बुरा लगता होगा?
पर ये तेरी मान नहीं रखते बल्कि तुझे अपनी सम्पति;जायदाद समझते हैं
बिन तेरे मेरा अस्तित्व नहीं
पर मैं मूक हुँ अन्यथा ऐसा सबक सिखाता कि दुबारा हम पर जुल्म न होता||
RAASTA APNA is a Hindi words which is official and common language of India.It means "create your way".Especially it based on creation of something enovative. Neither follow others nor copy.
Sunday, 14 December 2014
बरगद :बिन तेरे
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Poem
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