काफी पहले की बात है किसी गाँव में तबाही मचने के बाद सिर्फ दो लोग बचे थे|एक औरत एवं उसका नन्हां बच्चा|कुछ दिनों तक जैसे-तैसे सब ठीक चल रहा था कि बच्चा भी आहत होने के कारण भगवान को प्यारे हो गये|
मम्मी बच्चे के लिए बिलखती रही पर क्या यहां तो कोई सांत्वाना देने वाला भी न बचा था आखिर हार कर उसने पड़ोस के किसी गांव में भगवान के शिष्य के होने की खबर लगीो|वह उनके पास सबेरे पहुंच गई|उसने अपनी दूख सुनाया|सुनने के बाद शिष्य ने एक रहस्यात्मक बात महिला से कही-बेटी तु इस संसार में कोई भी ऐसा परिवार ढुंढ़ कर ला जिसके यहां अब तक किसी की मृत्यु न हुई हो|यदि तुम्हें कोई ऐसा परिवार मिले तो वापस अवश्य आना जिससे कि मैं तेरे पुत्र को तेरे इच्छानुसार जीवित कर सकुं|वह ऐसे परिवार ढूंढ़ने चल पड़ी|एक परिवार से दूसरे परिवार पूछते रही और सभी के घर उसे यही जवाब मिलता कि-मेरे बेटे,पति,बच्चे का स्वर्गवास हो गया है|
दरअसल कहानी का सार ये है कि एक न एक दिन सभी को जाना
मम्मी बच्चे के लिए बिलखती रही पर क्या यहां तो कोई सांत्वाना देने वाला भी न बचा था आखिर हार कर उसने पड़ोस के किसी गांव में भगवान के शिष्य के होने की खबर लगीो|वह उनके पास सबेरे पहुंच गई|उसने अपनी दूख सुनाया|सुनने के बाद शिष्य ने एक रहस्यात्मक बात महिला से कही-बेटी तु इस संसार में कोई भी ऐसा परिवार ढुंढ़ कर ला जिसके यहां अब तक किसी की मृत्यु न हुई हो|यदि तुम्हें कोई ऐसा परिवार मिले तो वापस अवश्य आना जिससे कि मैं तेरे पुत्र को तेरे इच्छानुसार जीवित कर सकुं|वह ऐसे परिवार ढूंढ़ने चल पड़ी|एक परिवार से दूसरे परिवार पूछते रही और सभी के घर उसे यही जवाब मिलता कि-मेरे बेटे,पति,बच्चे का स्वर्गवास हो गया है|
दरअसल कहानी का सार ये है कि एक न एक दिन सभी को जाना
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