रास्ता अपना

Tuesday, 17 February 2015

विवेविवेकवाणी 006

"है थी कितनी  आसान जिंदगी तेरी राहें,मुस्किलें खुद ही तौल कर खरीदा|
बहुत होने के बाद भी यह सोचता,,काश कुछ और मिला होता||

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